Menu
blogid : 15077 postid : 1317383

होली के मतवाले रंग

Zindagi Rang Shabd
Zindagi Rang Shabd
  • 27 Posts
  • 238 Comments

इस प्रकृति के सात रंग से जन्मे कई हज़ार हैं रंग,
ख़ुशी जताते चटकीले रंग,फीके हैं दुखियारे रंग,
इस जीवन की उठापटक के टेंशन वाले न्यारे रंग,
गर जीते तो सर्वेसर्वा वर्ना हैं आरोपों के सारे रंग,
तू-तू,मैं-मैं,ऐसा-वैसा और चुभते से झगड़ालू रंग,
बैर पुराना भूल उठाओ,ये होली के मतवाले रंग।

गीत संगीत भाव फागुनी है,अल्हड़ हुआ ये मन,
भंग मलंग करे है दिल को,फुर्तीला हुआ है तन,
चूनर ये रंग बिरंगी मत करना,ओ रंगरेज सजन,
धमकी आज नहीं चलेगी,चाहे कितने करो जतन,
हंसी ठिठोली,नयन चतुर और चुगली करें कंगन,
रंग बरसे,तन-मन भीगे,ये होली के मतवाले रंग।

चाचा-चाची,मुन्ना-मुन्नी,कोई भी बचके जाने न पाए,
रोक-टोक अब नहीं चलेगी,कुछ मनमानी हो जाए,
ऐसे कैसे जाने दूँ भौजी,मौका फिर-फिर न आए,
चिप्स,पकौड़े,कचरी ले आओ,घर में जो हैं बनाए,
पापड़,दहीबड़ा,गुझिया संग,भंग का साथ सुहाए,
चलो उड़ाएं गुलाल लाल,ये होली के मतवाले रंग।

धरती ने भी ली अंगड़ाई,रंग रंगीली बन कर छाई,
कोयल प्रेम गीत है गाती,अमियों ने है डाल झुकाई,
भँवरों के हैं गीत रसीले,बगिया है पुष्पों की सौगात,
लाल पलाश,बुरुंश दहके हैं,फागुन की नई है बात,
शर्म हया के दौर चल रहे,मन चंचल है भाव उदात्त,
कही,अनकही सब जानें,ये होली के मतवाले रंग।

रंग बिखेर जादू सा करती,प्रकृति हुई मतवाली,
डहेलिया,पिटूनिया,पैन्ज़ी,सुर्ख गुलाबों की लाली,
तिलस्मयी रंग बिखेर ये,जहां तिलस्मयी बनाए,
सब जीवों के मन भावों में देखो,प्रेम राग जगाए,
वशीभूत हुए हैं सभी,प्रकृति के देख निराले रंग,
बुलाएं सराबोर होने को,ये होली के मतवाले रंग।

कैसा ये खुमार छाया और,कैसा बिखरा हुआ है नूर,
मादकता है हवाओं में फैली,तन पे है चढ़ा सुरूर,
रंगों की होड़ चली और सबको खुद पर है गुरूर,
इन साकार हुए ख़्वाबों को,पलकों में ही रहने दो,
शब्दों को मौन करो और अँखियों से ही कहने दो,
सभी भाव बयान कर देंगे,ये होली के मतवाले रंग।

( जयश्री वर्मा )

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh